Kajari Teej
कजारी तीज:
ज्योतिषी भाग्यराज गुप्त इस आनंदमय अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई देते हैं।कजारी तीज। सनातन धर्म में त्योहारों का बहुत महत्त्व है और उन्हीं महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक है कजरी तीज. कजरी तीज भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से पति की उम्र लंबी होती है. कजरी तीज को कजली तीज और सतूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो भी अविवाहित कन्या व्रत रखती है उसे सुयोग्य वर प्राप्त होता है. कजरी तीज के दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है. कजरी तीज की पौराणिक कथा हिंदू धर्म में हर त्योहार को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है. उसी तरह कजरी तीज की भी कई पौराणिक कथाएं हैं. उनमें से एक है भगवान शिव और मां पार्वती की कथा. पुराणों के अनुसार देवी पार्वती चाहती थीं कि भोलेनाथ उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार करें. इसके लिए शंकर भगवान ने मां पार्वती को अपनी भक्ति साबित करने के लिए कहा. तब मां पार्वती ने 108 साल तक तपसाया करके अपनी भक्ति साबित की थी. मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां को अपना लिया और जिस दिन उनका मिलन हुआ उस दिन भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि थी. तब से उस दिन करजी तीज के रूप में मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है. कजरी तीज व्रत का महत्व और लाभ सनातन धर्म में इस पर्व को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जात है. आज के दिन पूरी श्रद्धा से मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करने से कुवांरी कन्याओं को अच्छा वर मिलता है और सुहागिनों के पति की उम्र लंबी होती है. कजरी तीज का व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन नीम के पेड़ की पूजा की जाती है. इस दिन हलवा, गुजिया, घेवर, काजू का भोग लगाने से घर में धन धान्य की वृद्धि होती है. कजरी तीज के दिन सुहागिनें पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जल व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलती हैं. इस दिन सोलह श्रृंगार कर विधि विधान से गौरी शंकर की पूजा करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
Kajari Teej:
Celebrate the divine bond of marriage and the arrival of monsoon with the auspicious festival of Kajari Teej. Astro Bhagyaraj Gupt extends warm wishes to everyone on this joyous occasion. May the blessings of Goddess Parvati and Lord Shiva fill your lives with happiness, prosperity, and marital harmony. Embrace the traditions, fasts, and rituals of Kajari Teej, and strengthen the bonds of love and devotion. Let this festival bring renewed hope and positivity into your homes.In Sanatan Dharma, Kajari Teej is a significant festival celebrated on the third day of the dark fortnight of Bhadrapada, where women fast for their husbands' longevity and unmarried girls seek suitable grooms by worshipping Goddess Parvati, also known as Kajali Teej or Satudi Teej; the mythology behind it narrates the union of Lord Shiva and Mother Parvati after her 108 years of devotion, making it a day to worship both deities for marital bliss and prosperity, with rituals including fasting, worshipping the Neem tree, offering special foods like halwa and gujia, and married women observing a waterless fast until moonrise after adorning themselves and performing Gauri Shankar puja for blessings. Wishing you a blessed and fulfilling Kajari Teej.